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28 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण सूचनाओं के उत्तर
दिनांक 09.04.1981
तवा परियोजना के विषय में
राज्य मन्त्री कृषि (श्री दिग्विजयसिंह) : उपाध्यक्ष जी, माननीय सदस्य की पीड़ा मैं समझ रहा हूं। लेकिन दुख इस बात का है कि जो मुद्दा उठाया है वह पारस्परिक चर्चा में भी उठाया जा सकता था। मेरे पास आज तक उन्होंने अगर इस तरह के जो आंकड़े प्रस्तुत किये हैं, फोटोग्राफ दिखाए हैं मुझे एक विधायक और मन्त्री होने के नाते, परस्पर मित्र होने के नाते बना सकते थे।
श्री विजय दुवे : मन्त्री महोदय मेरे क्षेत्र में दौरा कर चुके थे, आपने उस वस्तुस्थिति को देखा है, मैंने मीटिंग में मुद्दे को रखा था।
श्री दिग्विजयसिंह : उपाध्यक्ष जी, मैं माननीय सदस्य को आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि उन्होंने कुछ प्रमुख मुद्दे उठाये हैं और विशेषकर जो रेट ऑफ इंट्रेस्ट है उसके बारे में उठाया है। माननीय उपाध्यक्ष महोदय, जो राशि मिलती हैं, वह पहले केन्द्र सरकार को आती है, फिर ए. आर. डी. सी. से कामर्शियल बैंक को जाती है फिर जाकर किसान को मिल पाती है। यह विषय केन्द्र सरकार के वित्त मन्त्रालय से जो भी राशि विदेश से आती है उसको चेनलाइजेशन करने के लिए रूपरेखा बना रखी है। इंटरनेशनल ..... फेडरेशन के लिए यह छुट रखी हैं। वर्ल्ड बैंक उसको सीधी राशि। उपलब्ध करवाता है। यह प्रमुखतया विषय केन्द्र सरकार का है। यहां इस बात से में पूरी तरह से सहमत हूं कि इस प्रकार केन्द्र सरकार से विशेष तौर पर चर्चा की जाना चाहिए और यदि उसमें कोई कार्यवाही हो सकती है तो अवश्य की जाना चाहिए। उपाध्यक्ष महोदय, उन्होंने जो दूसरा फर्क बताया है आम किसान का जिसके ऊपर कर्जा नहीं है, कामर्शियल बैंक कर्ज दे देती हैं लेकिन कई किसानों पर ओव्हर ड्राफ्ट है। जो कामर्शियल बैंक से ऋण प्राप्त करने की पात्रता नहीं रखते हैं उन व्यक्तियों के लिए स्पेशल लोन एकाउण्ट के माध्यम से हम लोग उन्हें राशि उपलब्ध करवाते हैं।
इन निधि में 37।। प्रतिशत भारत सरकार का, 37।। प्रतिशत राज्य शासन का एवं 25 प्रतिशत ए. आर. डी. सी. का अंश होता है। उपाध्यक्ष महोदय उन किसानों के बीच जो नियमित रूप से अपना कर्ज पटा रहें हैं और ऐसे किसान जिन्होंने कर्ज समय पर नहीं पटाया हैं जिनको कर्ज लेने की पात्रता नहीं है, अगर उस पर कुछ अधिक ब्याज लगता है तो इसमें अधिक चिन्ता की बात नहीं है। दूसरी बात कहीं गई है कि भूमि विकास निगम द्वारा लाभ कमाया जा रहा हैं। यह सही नही है क्योंकि भूमि विकास निगम नो लास नो प्राफिट कोशिश पर काम करता हैं। केवल 6 प्रतिशत सुपरवीजन चार्जेज लेता हैं। भूमि विकास निगम लाभ कमाने की ऐजेन्सी नहीं है, वह ...... किसानों को लाभ पहुंचाने के लिये ही है।
श्री विजय दुबे : उपाध्यक्ष महोदय, लेण्ड डवलपमेंट कारर्पोरेशन जो भूमि का समतली करण करता है वह 1 प्रतिशत ढलान का समतली करण करता है और चार्ज करता है, 3 प्रतिशत ढलान का, यही मेरी चिन्ता है।
श्री दिग्विजयसिंह : अध्यक्ष महोदय, अगर माननीय सदस्य को कोई विशेष जानकारी है तो मैं उसकी जांच करा लूंगा लेकिन उन्होंने जो बात कही हैं, वह सही है भूमि विकास निगम जो समतली करण कराता है उसकी दर हैं 160 प्रति घण्टा केटर पिलर डी-5, भारत ...-50, 160 रूपया प्रति घण्टा है, नोमेन 150 रूपया प्रति घण्टा जब कि यही एग्रोइण्डस्ट्रीज कारपोरेशन जो समतली करण कराता है वह लेता है 200 रूपया प्रति घण्टा और राजस्थान भूमि विकास निगम की दरें, हे नोमेन के 7 का ग 164 रूपया लेता है प्रति घण्टा, केटर-पिलर डी-5 का लेता है 186 रूपया प्रति घण्टा। भारत डी-50 ए का लेता है 186 रूपया इस प्रकार से अगर देखा जाये तो भूमि विकास निगम सबसे कम चार्ज करता है। हम यह सारी सुविधायें किसानों को फायदा पहुंचाने के लिये उपलब्ध करवा रहे हैं।
श्री विजय दुबे : उपाध्यक्ष महोदय, एग्रो, 100 रूपया लेता है और यह ले रहे हैं 172 रूपया। 72 रूपया अधिक ले रहे हैं। और मशीनें भी ठीक नहीं हैं मशीने समय पर काम नहीं करती है। बड़ा हुआ खर्चा किसान से वसूलते हैं।
श्री दिग्विजयसिंह : अध्यक्ष महोदय, मुझे एक ही बात कहना है कि माननीय सदस्य को जो चिन्ता है- उनकी जो पेरशानी है उनकी परेशानी को दूर करने के लिये उनकी चिन्ता को हल करने का मैं स्वयं प्रयास करूंगा और मुझे माननीय सदस्य जहां ले चलना चाहें वहां उनके साथ चलने को तैयार हूं। उन्होंने फोटो दिखाये हैं यहां पर लेकिन इसके पहले मुझे उन्होंने कभी भी ऐसी बात नहीं बताई। यह सारी समस्यायें आपसी बातों से हल हो सकती थी मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कृषि विभाग और भूमि विकास निगम अपनी पूरी क्षमता के साथ किसानों को सहायता पहुंचाने के लिये प्रयास करता है। हमें जितनी भूमि उपलब्ध है, जितना भी ..... उपलब्ध है, वह किसानों को देने के लिए कृत संकल्प हैं। उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपको और माननीय सदस्य को भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम बिना किसी संकोच के यदि हमसे कोई गलती होती है तो उसको सुधारने की क्षमता भी रखते हैं। यही कहकर मैं समाप्त करता हूं।
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