Digvijaya Singh
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24 अगस्त 1977 कृषि विभाग की मांगों पर प्रस्तुत कटौती प्रस्ताव पर चर्चा।

24 अगस्त 1977 कृषि विभाग की मांगों पर प्रस्तुत कटौती प्रस्ताव पर चर्चा।

श्री दिग्विजय सिंह (राघौगढ़) : दिनांक 24.08.1977

सभापति महोदय,

                   मैं कृषि विभाग की मांगों पर प्रस्तुत कटौती प्रस्तावों का समर्थन करते हुए सदन का ध्यान भूमि संरक्षण की ओर दिलाना चाहूंगा। भूमि संरक्षण के लिए 3.28 करोड़ की राशि रखी गई है। मेरा कटु अनुभव यह है कि मैंने खुद के खेत में स्वायल कंजर्वेंशन कराया लेकिन इतने निम्न स्तर का कार्य होता है कि एक बारिश में भी नहीं टिक पाता। इसमें निम्न स्तर पर काफी भ्रष्टाचार है ऐसा कोई गड्ढा नहीं होता जिसमें एक फुट मिट्टी खोदी गई और बड़े बड़े दगले रख दिये जाते हें जो पहली बरसात में बह जाते है। इसके अलावा बगिया बनाने की स्वीकृति काश्तकारों से नहीं ली जाती है, क्या क्या आर्थिक भार पड़ने वाला है यह उनको नहीं समझाया जाता ऐसे कई काश्तकार मेरे क्षेत्र में है जिनकी स्वीकृति नहीं ली गई हैं न आर्थिक भार के बारे में बताया गया है और पन्द्रह बीस साल बाद वसूली हो रही है। ऐसे कृषक, जो सीमांत कृषक हैं, जिनके पास दस वीघा से कम भूमि है उनके ऊपर स्वायल कन्जर्वेशन का बकाया पैसा माफ कर दिया जाये। कृषि विभाग के अन्तर्गत लिफ्ट इरीगेंशन में बढ़ोत्तरी की गई है, यह स्वागत योग्य हैं। मैं सिंचाई की मांगों नहीं बोल पाया। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में सिंचाई का प्रतिशत 01 है जो नगण्य है। जब लिफ्ट इरीगेशन का बंटवारा करें तो राघोगढ़ जिला गुना की ओर ध्यान दें। एक निवेदन यह है कि जितने हाई वेज इसके अन्तर्गत जितने पुल है इनमें कड़ीशटर डालकर बांध बना सकते हैं और सिंचाई का कार्य हो सकता हैं। इलेक्ट्रिसिटी विभाग को तीस लाख शासन दे रहा है जो स्वागत योग्य है। मेरे क्षेत्र में दो पेरेनियल नदियां है मैं चाहता हूं उनके किनारे लाइन बिछाई जाये। बागवानी की ओर मन्त्री जी का ध्यान दिलाना चाहता हूं। हर जिले में एक हार्टीकल्चर एक्सपर्ट होना अत्यन्त आवश्यक है। हर ब्लॉक से एक ग्राम सेवक को इसकी ट्रेनिंग के लिए भेजा जाय। ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है कि कृषि उपज मन्डी समितियां जो कार्यरत है उनको भंग किया जा रहा है। इसके संबंध में मन्त्री जी का स्पष्टीकरण चाहूंगा। डेयरी विकास की मांगो पर ध्यान किया तो पाया कि भोपाल डेयरी के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है : क्या सफेद क्रांति को खत्म करना समग्र क्रांति का पहला चरण है। गुना जिले में विशेषकर राघोगढ़ तहसील में खेतिहर मजदूरों की संख्या अधिक है, उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इंटेसिव केटल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जाये। सुअर पालन के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। इसके लिए प्रावधान किया जाये, और हरिजनों की आर्थिक स्थिति जानने के लिए साधन उपलब्ध किया जाये। बकरी गरीब की गाय कहलाती है। उसकी नसल सुधारने के लिए जमुनापारी बकरी मंगाकर गांवों के गड़रियों को देना चाहिए जिनका यह धंधा है। आखिर मे, मेरा निवेदन है कि कृषि की मांगों में गोबर गैस प्लान्ट के लिये कोई प्रावधान नहीं रखा गया हैं। मेरा निवेदन हैं कि गोबर गैस प्लान्ट से काश्तकार कुकिंग गैस और बिजली का काम ले सकते है उसके लिये विशेष अनुदान के साथ काश्तकारों को कर्जा दिलाने की व्यवस्था करें।