Digvijaya Singh
MENU

28 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण सूचनाओं के उत्तर

28 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण सूचनाओं के उत्तर

(81) दिनांक 28 अप्रैल 1994


ध्यानाकर्षण सूचनाओं के उत्तर।

परिशिष्ट - नौ (क)

श्री कंकर मुंजारे, (परसवाड़ा)  : 
अध्यक्ष महोदय,
     मेरी ध्यान आकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है :-
    पन्ना जिले के पुनवानी थानान्तर्गत ग्राम उडला पंडवन में दिनांक 28 मार्च 1994 को ग्राम के पूर्व सरपंच श्री रामकुमार दुबे के 14 वर्षीय पुत्र भोला व 15 वर्षीय भतीजे रामनरेश का अज्ञात बदमाशों द्वारा अपहरण कर लिया गया था उसी रात को खलिहान में सो रहे रामकिशन दुबे व 60 वर्षीय अनुसूचित जाति के खेतिहर मजदूर को उन्हीं बदमाशों द्वारा हत्या कर दी गई व अपहृत भोला व रामनरेश की भी हत्या करके उनके शव को हत्यारों ने केन नदी के गडारी घाट पर फेंक दिया। पुनवानी थाने को अपहरण की सूचना देने के बावजूद समय पर पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने से भोला व रामनरेश की हत्या कर दी गई, यदि पुलिस द्वारा समय पर कार्यवाही की गई होती तो इन लोगों की जान बचायी जा सकती थी। पुलिस द्वारा बरती गई इस लापरवाही से व हत्यारों को गिरफ्तार नहीं करने से ग्राम व जिले की आम जनता मे भय व रोष तथा आक्रोश का वातावरण पैदा हो गया हैं।

    मुख्यमंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) :- अध्यक्ष महोदय, प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के थाना सुनवानी में दिनांक 29/03/94 को 07-30 बजे सुबह फरियादी रामकुमार पुत्र मानकलाल दुबे उम्र 55 वर्ष निवासी उडला ने रिपोर्ट की कि वह प्रातः 03-00 बजे अपने घर से खलिहान तरफ टट्टी करने गया था। खलिहान में गल्ले की रखवाली हेतु उसका लड़का रामकिशोर उर्फ कल्ले उम्र 25 वर्ष तथा साझेदार दुरजन पुत्र लछमनिया अनुसूचित जाति उम्र 55 वर्ष सो रहे थे, उसने देखा कि खलिहान में अंगदसिंह ठाकुर बारह बोर बंदूक लिये हुए, कृपाल सिंह फरसा लिए हुए, रामचरण चंद्रपुरिया कट्टा लिये तथा लल्लूराजा, भोपालसिंह, राजू चंदपुरिया, राजा चंदपुरिया, संजू चंदपुरिया सभी लाठियां लिए हुए इसके खलिहान के अंदर खड़े थे। इसका लड़का रामकिशोर उर्फ कल्लू जो खाट पर सो रहा था, उस पर अंगद सिंह ठाकुर ने फायर किया जो गोली से घायल होकर चारपाई से उठकर अंगदसिंह से मुकाबला करने लगा। उसी समय कृपालसिंह ने कल्लू के सिर में फरसा मारा, दुरजन अनुसूचित जाति उसी समय उठ कर भागने लगा तो रामचरण चंदपुरिया ने उस पर कट्टा से फायर करके उसे मार डाला। उक्त घटना देखकर यह चिल्लाया कि लड़के को मार डाला और भागता हुआ गांव में आया, और मिहीलाल लुहार को पुरी घटना बताई, अंगदसिंह से उसकी पुरानी रंजिश चल रही थी। इसी कारण कल्लू तथा दुरजन को बंदूक व कट्टा से फायर करके लाठी, फरसा से चोटे पहुंचाकर अपराधी अंगदसिंह वगैरह ने एक साथ होकर दोनों की हत्या कर दी है। इसका छोटा लड़का भोलादीन उम्र 16 वर्ष तथा भतीजा बेटालाल उम्र 15 वर्ष दोनों आरोपी महेद्र पांड़े की होटल में ताश पत्तों से जुआ खेल रहे थे यह भी अभी तक घर नहीं लौटे हैं इस सूचना पर इंचार्ज थाना प्रभारी सहायक उप निरीक्षक आर.के.मिश्रा ने अपराध क्रमांक 4/94 धारा 302, 147, 148, 149 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को तुरन्त वायरलेस से दी। सहायक उप निरीक्षक आर.के.मिश्रा तत्काल रवाना होकर 08-30 बजे प्रातः पहुंचे और विवेचना प्रारंभ की। घटना स्थल का मानचित्र तैयार कर मृतक दुर्जन एवं कल्लू केशव का पंचायत नामा तैयार किया और शवों को पोस्टमार्टम हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज भेजा गया। दोनों के शवों का दिनांक 30/03/94 को सुबह डाक्टर अरूण जैन द्वारा पोस्टमार्टम करके अपने परीक्षण प्रतिवेदन मे कल्लू की मौत आग्नेय शस्त्र में सिर में आई गंभीर चोट से तथा मृतक दुर्जन की जांच मे आग्नेय शस्त्र से आई चोटों के कारण मृत्यु होना लेख किया है।
    विवेचना में विधि विज्ञान प्रयोगशाला एवं खोजी श्वान तथा अंगुली चिन्ह विशेषज्ञ की भी सहायता ली गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेणु शुक्ला दिनांक 29/03/94 को 10 बजे दिन तथा एस.डी.ओ.पी. पवई, श्री बी.आर. श्रीवास्तव दिनांक 23/03/94 को 10715 बजे दिन और पुलिस अधीक्षक दिनांक 29/03/94 को सुबह 16-15 बजे घटना स्थल पर पहुंचे घटना का पर्यवेक्षण कर विवेचक को आगामी विवेचना हेतु आवश्यक निर्देश दिये।
    अपराधियों एवं गुमशुदा लड़के बेटा एवं भोला की तलाश हेतु पुलिस बल के 3 दल बनाकर जाने के संभावित विभिन्न स्थानों पर तलाश हेतु भेजे गये, दिनांक 29/03/94 को 22-00 बजे तैनात किये गये थाना प्रभारी आर के मालवीय भी घटना स्थल पर पहुंचे और विवेचना अपने जुम्मे ली। विवेचना से बेटा एवं भोला की हत्या करने के लिए उनका अपहरण करना पाया गया। प्रकरण में धारा 364 भादवि बढ़ाई गई, दिनांक 31/03/94 को आरोपी महेंद्र पाण्डे और रतन अनुसूचित जाति निवासी ग्राम उड़ला के मिले जिन्होंने पूछताछ पर दिनांक 28/03/94 को अंगदसिंह एवं उसके दो साथियों के द्वारा बेटा एवं भोला को पकड़कर कपउे से उनके हाथ बांधकर उन्हें केन नदी के गढ़रियन घाट पर ले जाकर अपराधी अंगदसिंह द्वारा दोनों की फरसा मारकर हत्या कर देना तथा दोनों की लाशें नदी के पानी में फेंक देना बताया। बेटा तथा भोला की लाशें भी गढ़रियन घाट नदी से बरामद की गई। बेटा एवं भोला की हत्या के संबंध में मर्ग क्र. 3/94, 4/94 एवं अपराध क्रमांक 5/94, धारा 302, 147, 148, 149, 201 भादवि के अंतर्गत दिनांक 31/03/94 को 10-25 बजे दिन थाना प्रभारी उप निरीक्षक मालवीय के द्वारा पंजीबद्ध किये जाकर विवेचना प्रारंभ कि गई, महेन्द्र पाण्डे एवं रतन अनुसूचित जाति को अप.क्र. 4/94 तथा 5/94 में दिनांक 31/03/94 को बंदी बना लिया गया है। बेटा एवं भोला के शवों को शासकीय अस्पताल अमानगंज में शव परीक्षण हेतु भेजा गया। डाक्टर अरूण जैन द्वारा शव परीक्षण रिपोर्ट में मृतक बेटा की मृत्यु सिर मे आई धारदार हथियार से गंभीर चोटों से एवं भोला की मृत्यु गर्दन में आई धारदार हथियार से आई चोटों से लेख किया हैं।
    अप.क्र 4/94, धारा 302, 147, 148त्र भादवि में राजा उर्फ राजकुमार, संजीव, उर्फ संजय, राजा उर्फ राजेश, लल्लूसिंह उर्फ लल्लूराजा, पप्पूराजा, भोपालसिंह, रामचरण ब्राहमण को दिनांक 31/03/94 को बंदी बनाकर उन्हें ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा गया। आरोपी अंगदसिंह एवं कृपालसिंह अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं, तथा फरार हैं, अपराधी अंगदसिंह की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा 500/-रू. का इनाम घोषित किया गया हैं। विवेचना से पाया गया है कि मृतक पार्टी द्वारा अंगदसिंह के भाई हनुमन्तसिंह की हत्या वर्ष 1992 में किये जाने के कारण रंजिश थी और इसी रंजिश के कारण बदले की भावना से हत्या की गई हैं। वर्ष 1993 एवं 94 में दोनों पक्षों के विरूद्ध धारा 107, 116 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी दो बार की गई थी।
    यह सही नहीं है कि सुनवानी थाने को अपहरण की सूचना देने के बावजूद पुलिस द्वारा समय पर कार्यवाही नहीं करने से भोला एवं रामनरेश की हत्या कर दी गई, यह भी सही नहीं है कि पुलिस द्वारा बरती गई लापरवाही से रोष तथा आक्रोश का वातावरण पैदा हो गया हैं। दोनों प्रकरणों में 9 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, क्षेत्र में जन जीवन सामानय है।

परिशिष्ट - दस (क)

श्री बृजमोहन अग्रवाल, 
अध्यक्ष महोदय,
     मेरी ध्यान आकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है :-
    रायपुर जिले के भाटापारा में टाटीबंद में रहने वाली पिछड़ी जाति की एक विधवा महिला की छः वर्षीय पोती के साथ अज्ञात गुण्डों ने बलात्कार कर हत्या कर दी, दिनांक 18 अप्रैल की रात को एक 6 वर्षीय बालिका दो बहनों के साथ घर पर सो रही थी कि अज्ञात गुण्डे उसे उठाकर ले गये। रात को जब उसकी विधवा दादी की नींद खुली तो उसने देखा कि उसकी 6 वर्षीय पोती नहीं हैं। रात भर ढूंढने के पश्चात् सुबह 11 बजे वृद्धा ने आमानाका पुलिस थाने पर इसकी रिपोर्ट दर्ज करवा दी. दिनांक 20 अप्रैल को उस बालिका की लाश एक कमरे में बोरे में मिली, मेडिकल कराने पर ज्ञात हुआ कि बालिका के साथ बलात्कार करने के बाद गला दबाकर हत्या कर दी गई हैं। बालिका के पिता मजदूर होकर पिछड़ी जाति हे हैं, इस प्रकार जिले में लगातार बलात्कार व हत्या की घटना से जिले के नागरिकों में रोष व भय व्याप्त हैं। अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

    मुख्यमंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) : अध्यक्ष महोदय, प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतिका केकतीबाई यादव पिता विट्ठल यादव उम्र 6 वर्ष अपने माता-पिता दो बहिनों तथा दादी मां बिसाइन बाई के साथ थाना आमानाका रायपुर के अंतर्गत टाटीबंद (भाटापारा) मोहल्ले में अपने फूफा मंगलू यादव के मकान में रह रही थी, उसी मकान के दूसरे कमरे में किरायेदार नागेंन्द्रसिंह व्यास तथा उसका छोटा भाई मनबोध व्यास पिता धूपनारायण व्यास निवासी ग्राम एकंड़ीगवां पोस्ट आफिस गोला, मुबारिकपुर जिला छपरा (बिहार) करीब डेढ़ वर्ष से किराये पर रह रहे थे।
    दिनांक 18/04/94 को रात मृतिका केकतीबाई उसकी दो बहिनें रेखा उम्र 8 वर्ष एवं ममता उम्र 3 वर्ष और दादी मां बिसाइन बाई बेवा मेहतर यादव उम्र 60 वर्ष के साथ मकान की छत पर सोई थी। रात्रि करीब 23.00 बजे दादी मां बिसाइन बाई की नींद खुली तो उसने देखा कि केकती बाई बिस्तर पर नहीं हैं, उस पर उसकी तलाश की, अपनी बहु गिरजाबाई (केकती की मां) तथा किरायेदार के यहां भी पूछताछ की, पता न चलने पर दिनांक 19/04/94 के 11-00 बजे थाना आमानाका मे रिपोर्ट लिखाई जिस पर गुम इन्सान क्रमांक 21/94 कायम किया जाकर केकतीबाई की खोज-बीन की गई।
    दिनांक 20/04/94 को नागेन्द्र व्यास एवं मनबोध व्यास केकती बाई को ढूंढने के बाद से वापस आना नहीं पाये जाने से थाना प्रभारी आमानाका ने उनके कमरे का ताला तुड़वाकर कमरे के अन्दर निरीक्षण किया तो पंलग के नीचे एक बोरी में मृतिका केकतीबाई की लाश मिली, मौके पर मर्ग कायम कर लाश का पंचायतनामा कार्यवाही की गई। पंचायतनामा कार्यवाही से मृतिका केकतीबाई के साथ बलात्कार एवं गला दबाकर हत्या किया जाना पाये जाने पर देहाती नालिसी पर 0/94 धारा 302, 376, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया, जो बाद में असल अपराध क्र. 195/94 पर दर्ज किया जाकर लाश का पोस्टमार्टम कराया गया, मेडीकल परीक्षण पी.एम. रिपोर्ट में मृतिका केकती बाई के साथ बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई।
    अभी तक की जांच पर पाया गया कि किरायेदार नागेंद्र व्यास तथा मनबोध व्यास ने मृतिका केकतीबाई को कमरे में ले जाकर उसके साथ बलात्कार कर हत्या कर दी। मृतिका की लाश गायब करने की नियत से बोरी में बंद कर पलंग के नीचे रख दी।
    दोनों आरोपियान दिनांक घटना के बाद से ही लापता हो गये हैं, जिनके छुपने के संभावित स्थानों पर सरगर्मी से पुलिस की दविश दी गई, एक पुलिस पार्टी आरोपियों के गृह निवास जिला छपरा (बिहार) भेजी गई हैं। तथा दूसरी पुलिस पार्टी आरोपियों की सरप्राइज तलाश हेतु उनके पिता धूपनारायण जो कलकत्ता हनुमान जूट मिल में नौकरी करते हैं के यहां भेजी गई है।