गौ-सेवा आयोग
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के शासन काल में देश का पहला गौ-सेवा आयोग बनाया गया। सरकार द्वारा आयोग को पर्याप्त धनराशि और अमला उपलब्ध कराया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा की प्रारंभिक सुविधा उपलबध कराने के लिए गौ-सेवक योजना लागू की गई। इस योजना के अंतर्गत 3,329 गौ सेवक प्रशिक्षित किये गये हैं। इनमें से 1958 प्रशिक्षित गौ सेवकों ने कार्य प्रारंभ किया तथा 4,087 गौ सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया।
गौ वंशीय तथा भैंस वंशीय पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए 70 करोड़ रूपये की लागत का पांच साल का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। गौ-सदन को दान में प्राप्त होने वाली जमीन को स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क से मुक्त रखा गया।