भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन आज लोगों के मन में EVM को लेकर भ्रम है।
चुनाव आयोग से मिलने के लिए 28 राजनीतिक दलों ने समय मांगा, लेकिन आयोग को आज तक इन दलों से मिलने का समय नहीं मिला।
PM मोदी ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव वाले बिल को तब पास करा लिया, जब विपक्ष के सांसदों को निलंबित किया गया था। आज ये बात भी साफ़ हो चुकी है कि 'EVM बनाने वाली कंपनी BEL में चारों डायरेक्टर BJP के लोग हैं।
आज पूरे देश में EVM के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। यदि आपको EVM से इतना ही प्रेम है तो आप मतदान के बाद निकलने वाली VVPAT स्लिप मतदाता को दें, जिसे मतदाता मतपेटी में डालेगा।
इससे किसी को क्या आपत्ति है?