Digvijaya Singh
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12 Feb 2024 हरदा हादसा, प्रशासकीय तंत्र की विफलता का जीता जागता उदाहरण

यह हादसा आसानी से टाला जा सकता था यदि प्रशासकीय तंत्र सजग रहता। प्रशासकीय तंत्र नियमों का कानून का पालन करने के लिए उसकी जवाबदारी है। 

 

फैक्ट्री नियमों का पालन नहीं कर रही थी, क्योंकि फायर सेफ्टी एक्ट जो केंद्र सरकार का है, वह पूरे प्रदेश में सही तरीके से लागू नहीं हो रहा है। कई ऐसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंगें बन गई हैं जहां फायर सेफ्टी का बिना सर्टिफिकेट लिए ही लोग रहने लगते हैं। 

 

प्रशासन क्या कर रहा था? प्रशासकीय तंत्र की यह विफलता का एक जीता जागता उदाहरण है, जो लोग इसके लिए जिम्मेदार है, जवाबदार है। उनके ऊपर क्रिमिनल लायबिलिटी तय होनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 

 

जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उन्हें चार लाख रुपए खाते में चले गए, लेकिन घायल लोगों के खाते में अभी भी 50000 ₹ की राशि नहीं आई है। 

 

इस विषय पर देखिए पूरी पत्रकार वार्ता