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गांधी भवन तेलंगाना में प्रेसवार्ता
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण परियोजना ‘‘जल जीवन मिशन’’ के क्रियान्वयन की ओर, मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाह रहा हूॅ। केन्द्र सरकार से पर्याप्त बजट आवंटन के अभाव में यह आपका महत्वाकांक्षी मिशन बीच राह में दम तोड़ता नजर आ रहा है। जमीनी स्तर पर दस बडे़ राज्यों में नल-जल योजनाएं अधूरी पड़ी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप कर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को अर्द्शासकीय पत्र लिखकर फंड की कमी से संबंधित अपनी व्यथा बताई है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत मध्यप्रदेश में 26 हजार 261 नल-जल योजनाएं मिशन अंतर्गत निर्माणाधीन है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इन सभी एकल योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। इसी प्रकार 147 समूह नल-जल योजनाएं राज्य जल निगम के माध्यम से पूर्ण करायी जा रही है। उपरोक्त सभी योजनाओं को पूरा कराये जाने के लिये विभाग द्वारा करीब 78 हजार करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। राज्य और केन्द्र सरकार ने मिलकर अब तक जल जीवन मिशन के तहत राज्य के 28 हजार करोड़ रूपये खर्च कर दिये है। अधिकांश नल-जल योजनाएं आधी-अधूरी स्थिति में हैं। प्रदेश में प्रशासकीय स्वीकृति के मान से आगामी समय में करीब 50 हजार करोड़ रूपये का व्यय अनुमानित है।
इस वर्ष 15 अगस्त 2024 को आपने लाल किले की प्राचीर से 5 साल में 15 करोड़ परिवार तक नल जल के माध्यम से जल पहुॅचाने का भरोसा दिलाया था। पर आपका यह वायदा मध्यप्रदेश के 52 हजार ग्रामों में अधूरा नजर आ रहा है। राज्य सरकार ने केन्द्र के भरोसे ताबड़तोड़ तरीके से पाईप खरीद लिए पर जल स्त्रोत पर ध्यान नही दिया, स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में नल-जल मिशन के आधे-अधूरे कार्य जनचर्चा का विषय है, लोग भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे है। मैं, पत्र के साथ कुछ समाचार पत्र की कतरन और एक टी.वी. चैनल पर प्रसारित वीडियो भी प्रेषित कर रहा हूॅ।
प्रदेश में अब तक खर्च 28 हजार करोड़ रुपये से निर्मित संरचनाओं का किसी तटस्थ ‘‘थर्ड पार्टी’’ से सोशल ऑडिट कराने पर आपको प्रोजेक्ट की हकीकत पता चल जायेगी। बहुत कम जिले और योजनाएं ऐसी मिलेंगी जिनमें अनियमितता न बरती गई , ठेकेदारों पर घटिया कार्य करने तथा अधूरे काम करने के संगीन आरोप है। अब तक बड़ी संख्या में ठेकेदारों को पी.एच.ई. विभाग ने घटिया निर्माण कार्य करने, अमानक पाईप लाईन बिछाने के अरोपों में ब्लैक लिस्ट किया गया है। जिसमें अनेक कंपनियाँ गुजरात से जुड़ी है। जो गुजरात राज्य का नाम खराब कर रही है। बहुत से अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच चल रही है।
राज्य शासन ने मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले को देश का पहला ऐसा जिला घोषित किया था, जिसके हर घर में नल से जल पहुॅचाने का दावा किया था। पर वास्तविकता कुछ और ही है। उसकी हकीकत समाचार पत्रों में रोज प्रकाशित होती है। भारत सरकार के तकनीकी विशेषज्ञों का जांच दल गठित कर कुछ चुनिंदा जिलों की स्थल पर जांच कराई जाना चाहिये। ताकि आपका महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट लालफीताशाही और ठेकेदारों के गठजोड का शिकार न बन सके।
लेटलतीफी और भ्रष्टाचार के आरोपों की भेंट चढ़ रहे इस मिशन में अब केन्द्र सरकार से समय पर धन राशि नही मिल रही है। गत वर्ष 10 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी करीब 1500 करोड़ रुपये के भुगतान लंबित है। जिससे योजनाओं के कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं। राज्य सरकार को इस वर्ष 2024-25 में 17 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है। जिसमें केन्द्र के हिस्से के 8500 करोड़ मिलने है पर राज्य सिर्फ 4044 करोड़ रुपये ही दे रहा है। जबकि राज्य शासन को केन्द्रीय हिस्सेदारी के 4455 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। केन्द्र ने आधा साल व्यतीत हो जाने पर भी सिर्फ 2022 करोड़ रुपये ही दिये है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने अक्टूबर 2024 में जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल को अर्द्धशासकीय पत्र के माध्यम से केन्द्र से फंड नही मिलने पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होने इस वित्तीय वर्ष में करीब 6 हजार 500 करोड़ रुपये शीघ्र दिये जाने की गुहार लगाई है। एक तरफ आप तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 15 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं को शुरु करने का दावा कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बहुचर्चित जल जीवन मिशन में केन्द्र से समय पर बजट की आपूर्ति न होने पर अधिकांश राज्यों में बीच राह में दम तोड़ता नजर आ रहा है।
मेरा आपसे अनुरोध है कि मध्यप्रदेश के 5 करोड़ गरीब परिवारों के सूखे और प्यासे कंठो को नल से जल पहुॅचाने का दावा करने वालेे नल जल मिशन के बजट आवंटन में लापरवाही करने वाले जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही की जाये। साथ ही मध्यप्रदेश सहित सभी दस राज्यों को तत्काल वांछित राशि जारी करने के निर्देश देने का कष्ट करें।
सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
सादर,
आपका
(दिग्विजय सिंह)
श्री नरेन्द्र मोदी जी
माननीय प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली 110011
गांधी भवन तेलंगाना में प्रेसवार्ता
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